PM मोदी ने समझाया 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का मतलब, आम आदमी से इसका संबंध
बीते दिनों भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की बात बार-बार सुनने को मिली है. इस बार आर्थिक समीक्षा और बजट में भी '5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी' का जिक्र बार-बार आया.
पीएम मोदी ने वाराणसी में बीजेपी के सदस्यता अभियान की शुरुआत की.
पीएम मोदी ने वाराणसी में बीजेपी के सदस्यता अभियान की शुरुआत की.
बीते दिनों भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की बात बार-बार सुनने को मिली है. इस बार आर्थिक समीक्षा और बजट में भी '5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी' का जिक्र बार-बार आया. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में बीजेपी के सदस्यता अभियान की शुरुआत के मौके पर इसका मतलब समझाया. उन्होंने कहा, 'कल आपने बजट के बाद टीवी पर और आज अखबारों में एक बात पढ़ी सुनी और देखी होगी- वो है 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी. इस फाइव ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य का मतलब क्या है? एक आम भारतीय की जिंदगी का इससे क्या लेना-देना है, ये आपके लिए, सबके लिए जानना बहुत जरूरी है.'
पीएम मोदी ने कहा, 'अंग्रेजी में एक कहावत है कि 'साइज ऑफ दि केक मैटर्स' यानि जितना बड़ा केक होगा उसका उतना ही बड़ा हिस्सा लोगों को मिलेगा. ऐसे ही अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी जितना बड़ा होगा, देश की समृद्धि उनती ही ज्यादा होगी.' उन्होंने कहा कि अगर देश की अर्थव्यवस्था बड़ी होगी, तो इसका फायदा सभी को होगा. समाज के अंतिम व्यक्ति तक ये लाभ पहुंचेगा.
उन्होंने आगे कहा, 'जब किसी भी देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ती है तो वहां खरीद क्षमता भी बढ़ाती है. खरीद क्षमता बढ़ती है, तो मांग बढ़ती है. मांग बढ़ती है, तो उत्पादन बढ़ता है, सेवा का विस्तार होता है. यही प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, उस परिवार की बचत को भी बढ़ाती है.' प्रधानमंत्री ने बताया, 'आज ज्यादातर विकसित देशों के इतिहास को देखें, तो एक समय में वहां भी प्रति व्यक्ति आय बहुत ज्यादा नहीं होती थी. लेकिन इन देशों के इतिहास में एक दौर ऐसा आया, जब कुछ ही समय में प्रति व्यक्ति आय तेजी से बढ़ी. यही वो दौर था जब ये देश विकासशील से विकसित देशों की श्रणी में आए.'
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पीएम मोदी ने कहा, 'कुछ लोग हैं जो हम भारतीयों के सामर्थ्य पर शक कर रहे हैं. वह कह रहे हैं कि भारत के लिए यह लक्ष्य प्राप्त करना बहुत मुश्किल है. देश को ऐसे नकारात्मक लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि सरकार किसान को पोषक से आगे निर्यातक के रूप में देख रही रही है और इसलिए बजट में कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए माहौल बनाने पर विशेष बल दिया गया है.
03:02 PM IST